पर्दाफाश Poetry (page 5)

नया अदम कोई नई हदों का इंतिख़ाब अब

रियाज़ लतीफ़

ये सर-ब-मोहर बोतलें हैं जो शराब की

रियाज़ ख़ैराबादी

पी ली हम ने शराब पी ली

रियाज़ ख़ैराबादी

नहीं छुपता तिरे इ'ताब का रंग

रियाज़ ख़ैराबादी

मय रहे मीना रहे गर्दिश में पैमाना रहे

रियाज़ ख़ैराबादी

आप अपनी नक़ाब है प्यारे

रियासत अली ताज

फिर तुम रुख़-ए-ज़ेबा से नक़ाब अपने उठा दो

रिफ़अत सेठी

महकती आँखों में सोचा था ख़्वाब उतरेंगे

रज़ा मौरान्वी

इल्तिफ़ात-आश्ना हिजाब तिरा

रविश सिद्दीक़ी

सुब्ह-नुशूर क्यूँ मिरी आँखों में नूर आ गया

रसूल साक़ी

अजीब जुम्बिश-ए-लब है ख़िताब भी न करे

राशिद आज़र

राज़ उल्फ़त के अयाँ रात को सारे होते

रशीद लखनवी

बाग़ में जुगनू चमकते हैं जो प्यारे रात को

रशीद लखनवी

बढ़ा ये शक कि ग़ैरों कि तन में आग लगी

रशीद लखनवी

ये जो ज़िंदगी की किताब है ये किताब भी क्या किताब है

राजेश रेड्डी

ये सास है कि शेर छुपा है नक़ाब में

राजा मेहदी अली ख़ाँ

मुतालेआ की हवस है किताब दे जाओ

राही फ़िदाई

पाता हूँ इज़्तिराब रुख़-ए-पुर-हिजाब में

इक़बाल हुसैन रिज़वी इक़बाल

मुझे अपने ज़ब्त पे नाज़ था सर-ए-बज़्म रात ये क्या हुआ

इक़बाल अज़ीम

बस हो चुका हुज़ूर ये पर्दे हटाइए

इक़बाल अज़ीम

है जिस में क़ुफ़्ल-ए-ख़ाना-ए-ख़ुम्मार तोड़िए

इंशा अल्लाह ख़ान

क़द बढ़ाने के लिए बौनों की बस्ती में चलो

इमाम अाज़म

ख़िरद को ख़ाना-ए-दिल का निगह-बाँ कर दिया हम ने

इज्तिबा रिज़वी

ख़याल-ए-बद से हमा-वक़्त इज्तिनाब करो

इबरत बहराईची

वो शोख़ बाम पे जब बे-नक़ाब आएगा

हिज्र नाज़िम अली ख़ान

ऐ 'मेहर' जो वाँ नक़ाब सर का

हातिम अली मेहर

अक़्ल से हासिल हुई क्या क्या पशीमानी मुझे

हसरत मोहानी

इसी उम्मीद पर तो जी रहे हैं हिज्र के मारे

हाशिम अली ख़ाँ दिलाज़ाक

निगाहें झुक गईं आया शबाब आहिस्ता आहिस्ता

हाशिम अली ख़ाँ दिलाज़ाक

देखे अगर ये गर्मी-ए-बाज़ार आफ़्ताब

हसन बरेलवी

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.