Islamic Poetry of Behzad Lakhnavi

Islamic Poetry of Behzad Lakhnavi
नामबहज़ाद लखनवी
अंग्रेज़ी नामBehzad Lakhnavi
जन्म की तारीख1900
मौत की तिथि1974

आता है जो तूफ़ाँ आने दे कश्ती का ख़ुदा ख़ुद हाफ़िज़ है

उन को बुत समझा था या उन को ख़ुदा समझा था मैं

तुम्हारे हुस्न की तस्ख़ीर आम होती है

तुझ पर मिरी मोहब्बत क़ुर्बान हो न जाए

तिरे इश्क़ में ज़िंदगानी लुटा दी

मोहब्बत मुस्तक़िल कैफ़-आफ़रीं मालूम होती है

क्या ये भी मैं बतला दूँ तू कौन है मैं क्या हूँ

ख़ुदा को ढूँड रहा था कहीं ख़ुदा न मिला

होना ही क्या ज़रूर थे ये दो-जहाँ हैं क्यूँ

इक बेवफ़ा को दर्द का दरमाँ बना लिया

ऐ जज़्बा-ए-दिल गर मैं चाहूँ हर चीज़ मुक़ाबिल आ जाए

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