Ghazals of Brahma Nand Jalees

Ghazals of Brahma Nand Jalees
नामब्रहमा नन्द जलीस
अंग्रेज़ी नामBrahma Nand Jalees
जन्म की तारीख1930

ज़ौ-बार इसी सम्त हुए शम्स-ओ-क़मर भी

यही समझा हूँ बस इतनी हुई है आगही मुझ को

तुझ से तसव्वुरात में ऐ जान-ए-आरज़ू

पूछते हैं बज़्म में सुन कर वो अफ़्साना मिरा

मसर्रत को मसर्रत ग़म को जो बस ग़म समझते हैं

होती नहीं रसाई-ए-बर्क़-ए-तपाँ कहाँ

देने वाले ये ज़िंदगी दी है

दास्तान-ए-शमअ' थी या क़िस्सा-ए-परवाना था

ऐ 'जलीस' अब इक तुम्हीं में आदमियत हो तो हो

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