तेरा बोसा ऐसा प्याला है जिस में से
पानी पीने वाला प्यासा रह जाएगा
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बहुत क़दीम नहीं कल का वाक़िआ है ये
अपने ख़ला में ला कि ये तुम को दिखा रहा हूँ मैं
बस यही सोच के रहता हूँ मैं ज़िंदा इस में
सामने होते थे पहले जिस क़दर होते थे हम
मैं अपनी ख़ुशियाँ अकेले मनाया करता हूँ
वो क्या ख़ुशी थी जो दिल में बहाल रहती थी
मिरे वजूद को मौजूदगी दिखाती थी
दोनों जहाँ से आ गया कर के इधर उधर की सैर
आँखें बुझ जाएँगी शोला रह जाएगा
मैं उस को ख़्वाब में कुछ ऐसे देखा करता था
जिस परी पर मर मिटे थे वो परी-ज़ादी न थी
इसी जहाज़ के सहरा में डूब जाने की