Ghazals of Momin Khan Momin

Ghazals of Momin Khan Momin
नाममोमिन ख़ाँ मोमिन
अंग्रेज़ी नामMomin Khan Momin
जन्म की तारीख1800
मौत की तिथि1852
जन्म स्थानDelhi

ये उज़्र-ए-इम्तिहान-ए-जज़्ब-ए-दिल कैसा निकल आया

वो कहाँ साथ सुलाते हैं मुझे

वो जो हम में तुम में क़रार था तुम्हें याद हो कि न याद हो

वादे की जो साअत दम-ए-कुश्तन है हमारा

वादा-ए-वस्लत से दिल हो शाद क्या

उल्टे वो शिकवे करते हैं और किस अदा के साथ

तुम भी रहने लगे ख़फ़ा साहब

थी वस्ल में भी फ़िक्र-ए-जुदाई तमाम शब

ठानी थी दिल में अब न मिलेंगे किसी से हम

तासीर सब्र में न असर इज़्तिराब में

ता न पड़े ख़लल कहीं आप के ख़्वाब-ए-नाज़ में

शोख़ कहता है बे-हया जाना

शब तुम जो बज़्म-ए-ग़ैर में आँखें चुरा गए

सौदा था बला-ए-जोश पर रात

सब्र वहशत-असर न हो जाए

रोया करेंगे आप भी पहरों इसी तरह

राज़-ए-निहाँ ज़बान-ए-अग़्यार तक न पहुँचा

क़हर है मौत है क़ज़ा है इश्क़

न इंतिज़ार में याँ आँख एक आन लगी

'मोमिन' ख़ुदा के वास्ते ऐसा मकाँ न छोड़

मैं अगर आप से जाऊँ तो क़रार आ जाए

महशर में पास क्यूँ दम-ए-फ़रियाद आ गया

करता है क़त्ल-ए-आम वो अग़्यार के लिए

जूँ निकहत-ए-गुल जुम्बिश है जी का निकल जाना

जो तेरे मुँह से न हो शर्मसार आईना

जलता हूँ हिज्र-ए-शाहिद ओ याद-ए-शराब में

इस वुसअत-ए-कलाम से जी तंग आ गया

इम्तिहाँ के लिए जफ़ा कब तक

हम समझते हैं आज़माने को

हुई तासीर आह-ओ-ज़ारी की

मोमिन ख़ाँ मोमिन Ghazal in Hindi - Read famous मोमिन ख़ाँ मोमिन Shayari, Ghazal, Nazams and SMS. Biggest collection of Love Poetry, Sad poetry, Sufi Poetry & Inspirational Poetry by famous Poet मोमिन ख़ाँ मोमिन. Free Download Best Ghazal, Sufi Poetry, Two Lines Sher, Sad Poetry, written by Sufi Poet मोमिन ख़ाँ मोमिन. मोमिन ख़ाँ मोमिन Ghazals and Inspirational Nazams for Students.