Ghazals of Shahab Safdar
नाम | शहाब सफ़दर |
---|---|
अंग्रेज़ी नाम | Shahab Safdar |
था बाम-ए-फ़लक ख़ाक-बसर आने लगा हूँ
मिस्मार हूँ कि ख़ुद को उठाने लगा था मैं
मौत टलती है तो दिल दुखता है
जब भी कश्ती के मुक़ाबिल भँवर आता है कोई
बीनाई को पलकों से हटाने की पड़ी है