मूर्ति Poetry (page 4)

वही माबूद है 'नाज़िम' जो है महबूब अपना

सय्यद यूसुफ़ अली खाँ नाज़िम

उस बुत का कूचा मस्जिद-ए-जामे नहीं है शैख़

सय्यद यूसुफ़ अली खाँ नाज़िम

मुहताज नहीं क़ाफ़िला आवाज़-ए-दरा का

सय्यद यूसुफ़ अली खाँ नाज़िम

हक़ ये है कि का'बे की बिना भी न पड़ी थी

सय्यद यूसुफ़ अली खाँ नाज़िम

बरसों ढूँडा किए हम दैर-ओ-हरम में लेकिन

सय्यद यूसुफ़ अली खाँ नाज़िम

वो जब आप से अपना पर्दा करें

सय्यद यूसुफ़ अली खाँ नाज़िम

मोहताज नहीं क़ाफ़िला आवाज़-ए-दरा का

सय्यद यूसुफ़ अली खाँ नाज़िम

इस तवक़्क़ो' पे कि देखूँ कभी आते जाते

सय्यद यूसुफ़ अली खाँ नाज़िम

दिल में उतरी है निगह रह गईं बाहर पलकें

सय्यद यूसुफ़ अली खाँ नाज़िम

बर-सर-ए-लुत्फ़ आज चश्म-ए-दिल-रुबा थी मैं न था

सय्यद यूसुफ़ अली खाँ नाज़िम

मैं कर्ब-ए-बुत-तराशी-ए-आज़र में क़ैद था

सय्यद शकील दस्नवी

वो औरत

सय्यद सज्जाद

हो गई उक़्दा-कुशाई तिरे दीवाने से

सय्यद मुबीन अल्वी ख़ैराबादी

ईद की अचकन

सय्यद मोहम्मद जाफ़री

हर एक चीज़ मयस्सर सिवाए बोसा है

सय्यद काशिफ़ रज़ा

वो बुत मुब्तला-तलब मेहर-तलब वफ़ा-तलब

सय्यद अाग़ा अली महर

हम ने जो उस की मिदहतों से कान भर दिए

सय्यद अाग़ा अली महर

मुँह अँधेरे तेरी यादों से निकलना है मुझे

स्वप्निल तिवारी

अजब इंसान हूँ ख़ुश-फ़हमियों के घर में रहता हूँ

सुलतान रशक

और कर लेंगे वो क्या अब हमें रुस्वा कर के

सुलैमान अहमद मानी

इम्कान खुले दर का हर आन बहुत रक्खा

सुहैल अहमद ज़ैदी

नज़र में ढल के उभरते हैं दिल के अफ़्साने

सूफ़ी तबस्सुम

नज़र में ढल के उभरते हैं दिल के अफ़्साने

सूफ़ी तबस्सुम

किसी में ताब-ए-अलम नहीं है किसी में सोज़-ए-वफ़ा नहीं है

सूफ़ी तबस्सुम

हर ज़र्रा उभर के कह रहा है

सूफ़ी तबस्सुम

याद आती है तिरी यूँ मिरे ग़म-ख़ाने में

सुदर्शन कुमार वुग्गल

ये एक लड़ी के सब छिटके हुए मोती हैं

सिराज लखनवी

चराग़ सज्दा जला के देखो है बुत-कदा दफ़्न ज़ेर-ए-काबा

सिराज लखनवी

क़दम तो रख मंज़िल-ए-वफ़ा में बिसात खोई हुई मिलेगी

सिराज लखनवी

ईमाँ की नुमाइश है सज्दे हैं कि अफ़्साने

सिराज लखनवी

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.