जाम Poetry (page 12)

वो और होंगे पी के जो सरशार हो गए

साहिर होशियारपुरी

गाँधी

साहिर होशियारपुरी

ज़िंदगी हम से ख़फ़ा हो जैसे

साहिर होशियारपुरी

वो जिस को हम ने अपनाया बहुत है

साहिर होशियारपुरी

दुनिया में हर क़दम पे हमें तीरगी मिली

साहिर होशियारपुरी

बस फ़र्क़ इस क़दर है गुनाह ओ सवाब में

साहिर होशियारपुरी

नूर-ए-ईमाँ सुर्मा-ए-चश्म-ए-दिल-ओ-जाँ कीजिए

साहिर देहल्वी

मस्त-ए-निगाह-ए-नाज़ का अरमाँ निकालिए

साहिर देहल्वी

हौसला वज्ह-ए-तपिश-हा-ए-दिल-ओ-जाँ न हुआ

साहिर देहल्वी

ख़ुदा के वास्ते अब बे-रुख़ी से काम न ले

साहिर भोपाली

ख़्वाब देखूँ कोई महताब लब-ए-बाम उतरे

सहबा वहीद

अहबाब भी हैं ख़ूब कि तश्हीर कर गए

सहबा वहीद

जब जाम दिया था साक़ी ने जब दौर चला था महफ़िल में

साग़र सिद्दीक़ी

एक नग़्मा इक तारा एक ग़ुंचा एक जाम

साग़र सिद्दीक़ी

छलके हुए थे जाम परेशाँ थी ज़ुल्फ़-ए-यार

साग़र सिद्दीक़ी

तारों से मेरा जाम भरो मैं नशे में हूँ

साग़र सिद्दीक़ी

रूदाद-ए-मोहब्बत क्या कहिए कुछ याद रही कुछ भूल गए

साग़र सिद्दीक़ी

मैं तल्ख़ी-ए-हयात से घबरा के पी गया

साग़र सिद्दीक़ी

एक नग़्मा इक तारा एक ग़ुंचा एक जाम

साग़र सिद्दीक़ी

ऐ हुस्न-ए-लाला-फ़ाम! ज़रा आँख तो मिला

साग़र सिद्दीक़ी

गेसू को तिरे रुख़ से बहम होने न देंगे

साग़र निज़ामी

उस वक़्त मुझ को दावत-ए-जाम-ओ-सुबू मिली

साग़र ख़य्यामी

ज़रूरत-ए-रिश्ता

साग़र ख़य्यामी

पड़ोसी की मुर्ग़ियाँ

साग़र ख़य्यामी

नवादिरात की दूकान

साग़र ख़य्यामी

दिल्ली की लड़कियाँ

साग़र ख़य्यामी

तौबा तौबा से नदामत की घड़ी आई है

साग़र ख़य्यामी

क्यूँ दिल तिरे ख़याल का हामिल नहीं रहा

साग़र ख़य्यामी

वो आज भी क़रीब से कुछ कह के हट गए

साग़र आज़मी

पैमाना तिरे लब हैं आँखें तिरी मय-ख़ाना

सागर जलालाबादी

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.