Heart Broken Poetry of Akram Naqqash

Heart Broken Poetry of Akram Naqqash
नामअकरम नक़्क़ाश
अंग्रेज़ी नामAkram Naqqash
जन्म स्थानGulbarga

बदन मल्बूस में शोला सा इक लर्ज़ां क़रीन-ए-जाँ

अंधा सफ़र है ज़ीस्त किसे छोड़ दे कहाँ

टूटी हुई शबीह की तस्ख़ीर क्या करें

तू साथ है मगर कहीं तेरा पता नहीं

क़रार-ए-गुम-शुदा मेरे ख़ुदा कब आएगा

मैं नहीं हूँ नहीं कहीं भी नहीं

लहू तेज़ाब करना चाहता है

कुछ फ़ासला नहीं है अदू और शिकस्त में

कोई सुनता ही नहीं किस को सुनाने लग जाएँ

कोई इल्ज़ाम मेरे नाम मेरे सर नहीं आया

खुली और बंद आँखों से उसे तकता रहा मैं भी

हैरत से देखता हुआ चेहरा किया मुझे

हैरत के दफ़्तर जाऊँ

हब्स-ए-दरूँ पे जिस्म-ए-गिराँ-बार संग था

गहरी सूनी राह और तन्हा सा मैं

दश्त को ढूँडने निकलूँ तो जज़ीरा निकले

ऐ अब्र-ए-इल्तिफ़ात तिरा ए'तिबार फिर

अकरम नक़्क़ाश Heart Broken Poetry in Hindi - Read famous Heart Broken Shayari, Romantic Ghazals & Sad Poetry written by अकरम नक़्क़ाश . Largest collection of Heart Broken Poems, Sad Ghazals including Two Line Sher and SMS by अकरम नक़्क़ाश . Share the अकरम नक़्क़ाश Heart Broken Potery, Romantic Hindi Ghazals and Sufi Shayari with your friends on whats app, facebook and twitter.