Ghazals of Ambarin Salahuddin

Ghazals of Ambarin Salahuddin
नामअम्बरीन सलाहुद्दीन
अंग्रेज़ी नामAmbarin Salahuddin

उस के ध्यान की दिल में प्यास जगा ली जाए

रस्ता रोकती ख़ामोशी ने कौन सी बात सुनानी है

मिरी आँखों में मंज़र धुल रहा था

क्यूँ अम्बर की पहनाई में चुप की राह टटोलें

कोई एहसास मुकम्मल नहीं रहने देता

जब मिरे शहर की हर शाम ने देखा उस को

जब अश्कों में सदाएँ ढल रही थीं

हम सितारों में तिरा अक्स ना ढलने देंगे

चाँद उभरेगा तो फिर हश्र दिखाई देगा

बहुत बे-ज़ार होती जा रही हूँ

बाम से ढल चुका है आधा दिन

असीर-ए-ख़्वाब नई जुस्तुजू के दर खोलें

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