Ghazals of Fazl Tabish

Ghazals of Fazl Tabish
नामफ़ज़्ल ताबिश
अंग्रेज़ी नामFazl Tabish
जन्म की तारीख1933
मौत की तिथि1995
जन्म स्थानBhopal

ये सन्नाटा बहुत महँगा पड़ेगा

उसे मालूम है मैं सर-फिरा हूँ

रिश्ता खुजियाया हुआ कुत्ता है

रातों के ख़ौफ़ दिन की उदासी ने क्या दिया

न कर शुमार कि हर शय गिनी नहीं जाती

मिलों के शहर में घटता हुआ दिन सोचता होगा

मैं उस के ख़्वाब में कब जा के देख पाया हूँ

ख़्वाहिशों के हिसार से निकलो

कली कली का बदन फोड़ कर जो निकला है

जिन ख़्वाबों से नींद उड़ जाए ऐसे ख़्वाब सजाए कौन

इस कमरे में ख़्वाब रक्खे थे कौन यहाँ पर आया था

इन आँखों में बिन बोले भी मादर-ज़ाद तक़ाज़ा है

हर इक दरवाज़ा मुझ पर बंद होता

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