कभी ये फ़िक्र कि वो याद क्यूँ करेंगे हमें
कभी ख़याल कि ख़त का जवाब आएगा
Jaun Eliya
Anwar Masood
Allama Iqbal
Habib Jalib
Faiz Ahmad Faiz
Mohsin Naqvi
Parveen Shakir
Wasi Shah
Mir Taqi Mir
Ahmad Faraz
Gulzar
Rahat Indori
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
(773) Peoples Rate This
हज़ार रंज हैं अब ये भी इक ज़माना है
तुम भी निगाह में हो अदू भी नज़र में है
वो शोख़ बाम पे जब बे-नक़ाब आएगा
सितम तीर-ए-निगाह-ए-दिलरुबा था
न दर्द था न ख़लिश थी न तिलमिलाना था
क्या रश्क है कि एक का है एक मुद्दई
शब-ए-फ़िराक़ कुछ ऐसा ख़याल-ए-यार रहा
दिल फ़ुर्क़त-ए-हबीब में दीवाना हो गया
आया भी कोई दिल में गया भी कोई दिल से
वो ये कहते हैं ज़माने की तमन्ना मैं हूँ
कहेगी हश्र के दिन उस की रहमत-ए-बे-हद