Islamic Poetry (page 78)
थी याद किस दयार की जो आ के यूँ रुला गई
आज़िम कोहली
किधर का था किधर का हो गया हूँ
आज़िम कोहली
ख़ाक से थे ख़ाक से ही हो गए
आज़िम कोहली
इक इश्क़ है कि जिस की गली जा रहा हूँ मैं
आज़िम कोहली
उल्फ़तों का ख़ुदा नहीं हूँ मैं
अातिश इंदौरी
दर्द से दिल ने वास्ता रक्खा
अातिश इंदौरी
बात बच्चों की थी लड़ने को सियाने निकले
अातिश इंदौरी
ज़बाँ पे शिकवा-ए-बे-मेहरी-ए-ख़ुदा क्यूँ है?
अातिश बहावलपुरी
जो चाहते हो बदलना मिज़ाज-ए-तूफ़ाँ को
अातिश बहावलपुरी
ज़िंदगी गुज़री मिरी ख़ुश्क शजर की सूरत
अातिश बहावलपुरी
सितम को उन का करम कहें हम जफ़ा को मेहर-ओ-वफ़ा कहें हम
अातिश बहावलपुरी
ख़मोश बैठे हो क्यूँ साज़-ए-बे-सदा की तरह
अातिश बहावलपुरी
कमाल-ए-हुस्न का जिस से तुम्हें ख़ज़ाना मिला
अातिश बहावलपुरी
इंतिहा होने से पहले सोच ले
अस्नाथ कंवल
नसरी नज़्म
आसी रिज़वी
दिल की दहलीज़ सूनी सूनी है
आसी रामनगरी
धूप हालात की हो तेज़ तो और क्या माँगो
आसी रामनगरी
बाब-ए-क़फ़स खुलने को खुला है
आसी रामनगरी
रुमूज़-ए-मस्लहत को ज़ेहन पर तारी नहीं करता
आसी करनाली
ख़ुदा से तिरा चाहना चाहता हूँ
आसी ग़ाज़ीपुरी
वहाँ पहुँच के ये कहना सबा सलाम के बाद
आसी ग़ाज़ीपुरी
तिरे कूचे का रहनुमा चाहता हूँ
आसी ग़ाज़ीपुरी
रविश उस चाल में तलवार की है
आसी ग़ाज़ीपुरी
न मेरे दिल न जिगर पर न दीदा-ए-तर पर
आसी ग़ाज़ीपुरी
इतना तो जानते हैं कि आशिक़ फ़ना हुआ
आसी ग़ाज़ीपुरी
हिर्स दौलत की न इज़्ज़ ओ जाह की
आसी ग़ाज़ीपुरी
उस पे क्या गुज़रेगी वक़्त मर्ग अंदाज़ा लगा
आसी फ़ाईकी
पहला ख़ुत्बा
आशुफ़्ता चंगेज़ी
धुआँ उठ रहा है
आशुफ़्ता चंगेज़ी
ख़बर तो दूर अमीन-ए-ख़बर नहीं आए
आशुफ़्ता चंगेज़ी