Sad Poetry of Hosh Tirmizi

Sad Poetry of Hosh Tirmizi
नामहोश तिर्मिज़ी
अंग्रेज़ी नामHosh Tirmizi

तज़ईन-ए-बज़्म-ए-ग़म के लिए कोई शय तो हो

दिल को ग़म रास है यूँ गुल को सबा हो जैसे

दश्त-ए-वफ़ा में जल के न रह जाएँ अपने दिल

वो तक़ाज़ा-ए-जुनूँ अब के बहारों में न था

तज़ईन-ए-बज़्म-ए-ग़म के लिए कोई शय तो हो

पास-ए-नामूस-ए-तमन्ना हर इक आज़ार में था

मिलता नहीं मिज़ाज ख़ुद अपनी अदा में है

लाएगा रंग ज़ब्त-ए-फ़ुग़ाँ देखते रहो

कभी आहें कभी नाले कभी आँसू निकले

गो दाग़ हो गए हैं वो छाले पड़े हुए

दिल को ग़म रास है यूँ गुल को सबा हो जैसे

देखे हैं जो ग़म दिल से भुलाए नहीं जाते

होश तिर्मिज़ी Sad Poetry in Hindi - Read famous Sad Shayari, Romantic Ghazals & Sad Poetry written by होश तिर्मिज़ी. Largest collection of Sad Poems, Sad Ghazals including Two Line Sher and SMS by होश तिर्मिज़ी. Share the होश तिर्मिज़ी Sad Potery, Romantic Hindi Ghazals and Sufi Shayari with your friends on whats app, facebook and twitter.