Ghazals of Munawwar Rana (page 2)
नाम | मुनव्वर राना |
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अंग्रेज़ी नाम | Munawwar Rana |
जन्म की तारीख | 1952 |
जन्म स्थान | Lucknow |
चले मक़्तल की जानिब और छाती खोल दी हम ने
भुला पाना बहुत मुश्किल है सब कुछ याद रहता है
बादशाहों को सिखाया है क़लंदर होना
अना हवस की दुकानों में आ के बैठ गई
अलमारी से ख़त उस के पुराने निकल आए
ऐसा लगता है कि कर देगा अब आज़ाद मुझे
अच्छी से अच्छी आब-ओ-हवा के बग़ैर भी
अच्छा हुआ कि मेरा नशा भी उतर गया
आप को चेहरे से भी बीमार होना चाहिए