औरत के लिए
आओ
कि एक पत्थर
ख़ामोश झील में उतार दें
सुकूत
लहरों में बदल दें
कि ठहराव
अज़ाब है
और
जुमूद
क़ातिल!!
मसीहाई रगों में ले कर
आफ़ियत की चटानों में
कहीं खो जाओगे
तो तुम आओ
अभी!!
मज़लूम का दर्द पनपने न पाए!!!
(338) Peoples Rate This
आओ
कि एक पत्थर
ख़ामोश झील में उतार दें
सुकूत
लहरों में बदल दें
कि ठहराव
अज़ाब है
और
जुमूद
क़ातिल!!
मसीहाई रगों में ले कर
आफ़ियत की चटानों में
कहीं खो जाओगे
तो तुम आओ
अभी!!
मज़लूम का दर्द पनपने न पाए!!!
(338) Peoples Rate This