नज़ीर बनारसी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का नज़ीर बनारसी (page 3)
नाम | नज़ीर बनारसी |
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अंग्रेज़ी नाम | Nazeer Banarasi |
जन्म की तारीख | 1909 |
मौत की तिथि | 1996 |
हुए मुझ से जिस घड़ी तुम जुदा तुम्हें याद हो कि न याद हो
हैं यूँ मस्त आँखों में डोरे गुलाबी
इक रात में सौ बार जला और बुझा हूँ
एक झोंका इस तरह ज़ंजीर-ए-दर खड़का गया
दिन ढला जाता है शाम आती है घबराता हूँ मैं
बद-गुमानी को बढ़ा कर तुम ने ये क्या कर दिया
और तो कुछ न हुआ पी के बहक जाने से
अक्सर इस तरह से भी रात बसर होती है
आस ही से दिल में पैदा ज़िंदगी होने लगी