बच्चों के छोटे हाथों को चाँद सितारे छूने दो
चार किताबें पढ़ कर ये भी हम जैसे हो जाएँगे
Mir Taqi Mir
Allama Iqbal
Jaun Eliya
Parveen Shakir
Wasi Shah
Ahmad Faraz
Rahat Indori
Javed Akhtar
Habib Jalib
Anwar Masood
Gulzar
Mohsin Naqvi
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
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हर एक बात को चुप-चाप क्यूँ सुना जाए
कहता है कोई कुछ तो समझता है कोई कुछ
तन्हा तन्हा दुख झेलेंगे महफ़िल महफ़िल गाएँगे
अपनी मर्ज़ी से कहाँ अपने सफ़र के हम हैं
नज़्म बहुत आसान थी पहले
हर जंगल की एक कहानी वो ही भेंट वही क़ुर्बानी
नक़ाबें
जब से क़रीब हो के चले ज़िंदगी से हम
यहाँ किसी को कोई रास्ता नहीं देता
दरिया हो या पहाड़ हो टकराना चाहिए
कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता
नींद पूरे बिस्तर में नहीं होती