Ghazals of Noor Mohammad Yaas
नाम | नूर मोहम्मद यास |
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अंग्रेज़ी नाम | Noor Mohammad Yaas |
ये ताएरों ने जो इक दूसरे के नाम लिए
यहाँ अलग से कोई कब हिसार मेरा है
उठ चुका है पड़ाव ख़्वाबों का
सोचती आँखें मुझे दीं किस ने आख़िर कौन था
रिफ़ाक़तों का तलबगार भी न होता था
जब तुम्हें देखा न था आँखों में कितने साए थे
हर ज़ेहन रिवायात का मक़्तल न हुआ था