जो हर क़दम पे अंधेरों से लड़ने वाले हैं

जो हर क़दम पे अंधेरों से लड़ने वाले हैं

हमारे साथ मोहब्बत के वो उजाले हैं

वो जानते हैं जो तारीख़ पढ़ने वाले हैं

हमीं ने गर्दिश-ए-दौराँ के बल निकाले हैं

बनाए फिरते हैं हम ख़ुद को ख़ुश-लिबास मगर

हमारे घर में अभी मकड़ियों के जाले हैं

ख़ुलूस-ओ-रब्त-ओ-मुहब्बत जिन्हें मयस्सर है

वो लोग कौन सी दुनिया के रहने वाले हैं

दयार-ए-ग़ैर में तुम क्यूँ तलाश करते हो

हमारे शहर में क्या अहल-ए-फ़न के लाले हैं

जिन्हें ये अहल-ए-बसीरत समेट लाए थे

वो हादसे किसी आशुफ़्ता सर ने टाले हैं

हज़ार दौर-ए-तरक़्क़ी के बा'द भी 'नुसरत'

क़दम क़दम पे अभी 'मीर' के हवाले हैं

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In Hindi By Famous Poet Nusrat Siddiqui. is written by Nusrat Siddiqui. Complete Poem in Hindi by Nusrat Siddiqui. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.