राज़ी अख्तर शौक़ कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का राज़ी अख्तर शौक़ (page 2)
नाम | राज़ी अख्तर शौक़ |
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अंग्रेज़ी नाम | Razi Akhtar Shauq |
जन्म की तारीख | 1933 |
मौत की तिथि | 1999 |
जन्म स्थान | Karachi |
जभी तो ज़ख़्म भी गहरा नहीं है
जाने क्या है जिसे देखो वही दिल-गीर लगे
इन्ही गलियों में इक ऐसी गली है
हम जहाँ नग़्मा-ओ-आहंग लिए फिरते हैं
हलाक-ए-कश्मकश-ए-राएगाँ बहुत से हैं
दो बादल आपस में मिले थे फिर ऐसी बरसात हुई
दिन का मलाल शाम की वहशत कहाँ से लाएँ
दस्तक सी ये क्या थी कोई साया है कि मैं हूँ
छेड़ के साज़-ए-ज़रगरी ख़ल्क़-ए-ख़ुदा है रक़्स में
बिछड़ते वक़्त तो कुछ उस में ग़म-गुसारी थी
ऐ सुब्ह-ए-उमीद देर क्या है
अब सफ़र हो तो कोई ख़्वाब-नुमा ले जाए
आवार्गान-ए-शौक़ सभी घर के हो गए
आए हम शहर-ए-ग़ज़ल में तो इस आग़ाज़ के साथ