नदी Poetry (page 5)

साहिल पर दरिया की लहरें सज्दा करती रहती हैं

ज़फर इमाम

इक नदी में सैकड़ों दरिया की तुग़्यानी मिली

ज़फर इमाम

दर्द बहता है दरिया के सीने में पानी नहीं

ज़फर इमाम

तो फिर मैं क्या अगर अन्फ़ास के सब तार गुम उस में

ज़फ़र गोरखपुरी

पल पल जीने की ख़्वाहिश में कर्ब-ए-शाम-ओ-सहर माँगा

ज़फ़र गोरखपुरी

दिल में रख ज़ख़्म-ए-नवा राह में काम आएगा

ज़फ़र गौरी

ज़हर-ए-ग़म दिल में समोने भी नहीं देता है

ज़फ़र अनवर

सर में सौदा भी वही कूचा-ए-क़ातिल भी वही

ज़फ़र अनवर

मिरे भी सुर्ख़-रू होने का इक मौक़ा निकल आता

यूसुफ़ तक़ी

हर नज़र में है असासा अपना

यूसुफ़ हसन

मिला है तपता सहरा देखने को

यज़दानी जालंधरी

मिला है तपता सहरा देखने को

यज़दानी जालंधरी

जादा-ए-ज़ीस्त पे बरपा है तमाशा कैसा

यज़दानी जालंधरी

भीगी पलकें शौक़ का आलम वक़्त का धारा क्या नहीं देखा

यावर अब्बास

उफ़ुक़ तक मेरा सहरा खिल रहा है

यासमीन हमीद

इक दिल में था इक सामने दरिया उसे कहना

यासमीन हबीब

आशिक़ी के आश्कारे हो चुके

यासीन अली ख़ाँ मरकज़

यूँ बाग़ कोई हम ने उजड़ता नहीं देखा

यशपाल गुप्ता

कमाल-ए-शौक़-ए-सफ़र भी उधर ही जाता है

यशब तमन्ना

ज़ख़्म मेरे दिल पे इक ऐसा लगा

यासीन अफ़ज़ाल

पहाड़ काटने वाले ज़मीं से हार गए

यगाना चंगेज़ी

अदब ने दिल के तक़ाज़े उठाए हैं क्या क्या

यगाना चंगेज़ी

कुदूरत नहीं अपनी तब्-ए-रवाँ में

वज़ीर अली सबा लखनवी

दोनों चश्मों से मरी अश्क बहा करते हैं

वज़ीर अली सबा लखनवी

अश्क-उफ़्तादा नज़र आते हैं सारे दरिया

वज़ीर अली सबा लखनवी

थकन

वज़ीर आग़ा

तो मैं भी ख़ुश हूँ कोई उस से जा के कह देना

वसी शाह

बाज़ औक़ात फ़राग़त में इक ऐसा लम्हा आता है

वसीम ताशिफ़

झूट के आगे पीछे दरिया चलते हैं

वसीम बरेलवी

होंटों को रोज़ इक नए दरिया की आरज़ू

वसीम बरेलवी

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.