साथ Poetry (page 48)

संकट के दिन थे तो साए भी मुझ से कतराते थे

इमाम अाज़म

सूरज की मीज़ान लिए हम, वो थे बर्फ़ की बाट लिए

इमाम अाज़म

कोई क़र्या कोई दयार हो कहीं हम अकेले नहीं रहे

इलियास इश्क़ी

ये बहार वो है जहाँ रही असर-ए-ख़िज़ाँ से बरी रही

इलियास इश्क़ी

वक़्त वक़्त की बात है या दस्तूर है दुनिया का साईं

इलियास इश्क़ी

गरचे क़लम से कुछ न लिखेंगे मुँह से कुछ नहीं बोलेंगे

इलियास इश्क़ी

यार परिंदे!

इलियास बाबर आवान

स्कैप-इज़्म

इलियास बाबर आवान

थोड़ी चाँदी थोड़ा गारा लगता है

इलियास बाबर आवान

रख़्त-ए-गुरेज़ गाम से आगे की बात है

इलियास बाबर आवान

हिज्र की मसाफ़त में साथ तू रहा हर दम

इकराम मुजीब

और ही कहीं ठहरे और ही कहीं पहुँचे

इकराम मुजीब

तक़दीर-ए-वफ़ा का फूट जाना

इफ़्तिख़ार राग़िब

अपने ख़ूँ को ख़र्च किया है और कमाया शहर

इफ़्तिख़ार क़ैसर

कोई बादल मेरे तपते जिस्म पर बरसा नहीं

इफ़्तिख़ार नसीम

शाम से तन्हा खड़ा हूँ यास का पैकर हूँ मैं

इफ़्तिख़ार नसीम

ख़ुद को हुजूम-ए-दहर में खोना पड़ा मुझे

इफ़्तिख़ार नसीम

इस तरह सोई हैं आँखें जागते सपनों के साथ

इफ़्तिख़ार नसीम

हाथ लहराता रहा वो बैठ कर खिड़की के साथ

इफ़्तिख़ार नसीम

कई दिनों से मिरे साथ साथ चलती है

इफ़्तिख़ार मुग़ल

कोई वजूद है दुनिया में कोई परछाईं

इफ़्तिख़ार मुग़ल

धुँद

इफ़्तेख़ार जालिब

वो ख़्वाब था बिखर गया ख़याल था मिला नहीं

इफ़्तिख़ार इमाम सिद्दीक़ी

यही लौ थी कि उलझती रही हर रात के साथ

इफ़्तिख़ार आरिफ़

सब लोग अपने अपने क़बीलों के साथ थे

इफ़्तिख़ार आरिफ़

रोज़ इक ताज़ा क़सीदा नई तश्बीब के साथ

इफ़्तिख़ार आरिफ़

दुनिया बदल रही है ज़माने के साथ साथ

इफ़्तिख़ार आरिफ़

दिल उन के साथ मगर तेग़ और शख़्स के साथ

इफ़्तिख़ार आरिफ़

यक़ीन से यादों के बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता

इफ़्तिख़ार आरिफ़

शिकस्त

इफ़्तिख़ार आरिफ़

Collection of Hindi Poetry. Get Best Hindi Shayari, Poems and ghazal. Read shayari Hindi, poetry by famous Hindi and Urdu poets. Share poetry hindi on Facebook, Whatsapp, Twitter and Instagram.