Ghazals of Waseem Barelvi

Ghazals of Waseem Barelvi
नामवसीम बरेलवी
अंग्रेज़ी नामWaseem Barelvi
जन्म की तारीख1940
जन्म स्थानDelhi

ज़िंदगी तुझ पे अब इल्ज़ाम कोई क्या रक्खे

ज़रा सा क़तरा कहीं आज अगर उभरता है

ये है तो सब के लिए हो ये ज़िद हमारी है

यही बज़्म-ए-ऐश होगी यही दौर-ए-जाम होगा

वो मुझ को क्या बताना चाहता है

वो मेरे घर नहीं आता मैं उस के घर नहीं जाता

वो मेरे बालों में यूँ उँगलियाँ फिराता था

उस ने मेरी राह न देखी और वो रिश्ता तोड़ लिया

उसे समझने का कोई तो रास्ता निकले

उदासियों में भी रस्ते निकाल लेता है

तुम्हें ग़मों का समझना अगर न आएगा

तुम्हारी राह में मिट्टी के घर नहीं आते

तुझ को सोचा तो पता हो गया रुस्वाई को

तमाम उम्र बड़े सख़्त इम्तिहान में था

तहरीर से वर्ना मिरी क्या हो नहीं सकता

सिर्फ़ तेरा नाम ले कर रह गया

शाम तक सुब्ह की नज़रों से उतर जाते हैं

सफ़र पे आज वही कश्तियाँ निकलती हैं

सभी का धूप से बचने को सर नहीं होता

सब ने मिलाए हाथ यहाँ तीरगी के साथ

रंग बे-रंग हों ख़ुशबू का भरोसा जाए

नहीं कि अपना ज़माना भी तो नहीं आया

न जाने क्यूँ मुझे उस से ही ख़ौफ़ लगता है

मुझे तो क़तरा ही होना बहुत सताता है

मुझे बुझा दे मिरा दौर मुख़्तसर कर दे

मोहब्बत ना-समझ होती है समझाना ज़रूरी है

मिटे वो दिल जो तिरे ग़म को ले के चल न सके

मिली हवाओं में उड़ने की वो सज़ा यारो

मिरी वफ़ाओं का नश्शा उतारने वाला

मेरे ग़म को जो अपना बताते रहे

वसीम बरेलवी Ghazal in Hindi - Read famous वसीम बरेलवी Shayari, Ghazal, Nazams and SMS. Biggest collection of Love Poetry, Sad poetry, Sufi Poetry & Inspirational Poetry by famous Poet वसीम बरेलवी. Free Download Best Ghazal, Sufi Poetry, Two Lines Sher, Sad Poetry, written by Sufi Poet वसीम बरेलवी. वसीम बरेलवी Ghazals and Inspirational Nazams for Students.