Heart Broken Poetry of Abul Hasanat Haqqi

Heart Broken Poetry of Abul Hasanat Haqqi
नामअबुल हसनात हक़्क़ी
अंग्रेज़ी नामAbul Hasanat Haqqi
जन्म स्थानKanpur

वो आ रहा था मगर मैं निकल गया कहीं और

मेरी वहशत भी सकूँ-ना-आश्ना मेरी तरह

मैं क़त्ल हो के भी शर्मिंदा अपने-आप से हूँ

तमाम हिज्र उसी का विसाल है उस का

शिकस्त-ए-अहद पर इस के सिवा बहाना भी क्या

शब को हर रंग में सैलाब तुम्हारा देखें

फूल का या संग का इज़हार कर

नुमू तो पहले भी था इज़्तिराब मैं ने दिया

नक़्श-ए-यक़ीं तिरा वजूद-ए-वहम बुझा गुमाँ बुझा

दिल को हम दरिया कहें मंज़र-निगारी और क्या

बे-नियाज़-ए-दहर कर देता है इश्क़

बे-नियाज़ दहर कर देता है इश्क़

अबुल हसनात हक़्क़ी Heart Broken Poetry in Hindi - Read famous Heart Broken Shayari, Romantic Ghazals & Sad Poetry written by अबुल हसनात हक़्क़ी. Largest collection of Heart Broken Poems, Sad Ghazals including Two Line Sher and SMS by अबुल हसनात हक़्क़ी. Share the अबुल हसनात हक़्क़ी Heart Broken Potery, Romantic Hindi Ghazals and Sufi Shayari with your friends on whats app, facebook and twitter.