Love Poetry of Afzal Minhas

Love Poetry of Afzal Minhas
नामअफ़ज़ल मिनहास
अंग्रेज़ी नामAfzal Minhas
जन्म की तारीख1923
मौत की तिथि1997

ज़िंदगी इतनी परेशाँ है ये सोचा भी न था

ये भी शायद ज़िंदगी की इक अदा है दोस्तो

चाँद में कैसे नज़र आए तिरी सूरत मुझे

उस पेड़ को छुआ तो समर-दार हो गया

मिटते हुए नुक़ूश-ए-वफ़ा को उभारिए

मैं फ़क़त इस जुर्म में दुनिया में रुस्वा हो गया

मैं अपने दिल में नई ख़्वाहिशें सजाए हुए

लोग हँसने के लिए रोते हैं अक्सर दहर में

कर्ब के शहर से निकले तो ये मंज़र देखा

काँच की ज़ंजीर टूटी तो सदा भी आएगी

जो शख़्स भी मिला है वो इक ज़िंदा लाश है

हर चंद ज़िंदगी का सफ़र मुश्किलों में है

गिर पड़ा तू आख़िरी ज़ीने को छू कर किस लिए

गहरा सुकूत ज़ेहन को बेहाल कर गया

एक पैकर यूँ चमक उट्ठा है मेरे ध्यान में

चुप रहे तो शहर की हंगामा आराई मिली

अपने माहौल से कुछ यूँ भी तो घबराए न थे

अपने माहौल से कुछ यूँ भी तो घबराए न थे

अफ़ज़ल मिनहास Love Poetry in Hindi - Read famous Love Shayari, Romantic Ghazals & Sad Poetry written by अफ़ज़ल मिनहास. Largest collection of Love Poems, Sad Ghazals including Two Line Sher and SMS by अफ़ज़ल मिनहास. Share the अफ़ज़ल मिनहास Love Potery, Romantic Hindi Ghazals and Sufi Shayari with your friends on whats app, facebook and twitter.