Hope Poetry of Ajay Sahaab

Hope Poetry of Ajay Sahaab
नामअजय सहाब
अंग्रेज़ी नामAjay Sahaab
जन्म की तारीख1977

यूँ ही हर बात पे हँसने का बहाना आए

वो जो फूल थे तिरी याद के तह-ए-दस्त-ए-ख़ार चले गए

शाम आई है लिए हाथ में यादों के चराग़

लगा के धड़कन में आग मेरी ब-रंग-ए-रक़्स-ए-शरर गया वो

जब भी मिलते हैं तो जीने की दुआ देते हैं

हम भी गुज़र गए यहाँ कुछ पल गुज़ार के

बिखरा हूँ जब मैं ख़ुद यहाँ कोई मुझे गिराए क्यूँ

अश्कों से कब मिटे हैं दामन के दाग़ यारो

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