Sad Poetry of Ajay Sahaab

Sad Poetry of Ajay Sahaab
नामअजय सहाब
अंग्रेज़ी नामAjay Sahaab
जन्म की तारीख1977

वो जो फूल थे तिरी याद के तह-ए-दस्त-ए-ख़ार चले गए

वही हैं क़त्ल-ओ-ग़ारत और वही कोहराम है साक़ी

सहरा-ए-ला-हुदूद में तिश्ना-लबी की ख़ैर

लगा के धड़कन में आग मेरी ब-रंग-ए-रक़्स-ए-शरर गया वो

जब भी मिलते हैं तो जीने की दुआ देते हैं

हम भी गुज़र गए यहाँ कुछ पल गुज़ार के

फ़न जो मेआ'र तक नहीं पहुँचा

इक बंद हो गया है तो खोलेंगे बाब और

बिखरा हूँ जब मैं ख़ुद यहाँ कोई मुझे गिराए क्यूँ

भूल पाए न तुझे आज भी रोने वाले

अश्कों से कब मिटे हैं दामन के दाग़ यारो

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