साक़ी मिरी ख़मोश-मिज़ाजी की लाज रख
इक़रार गर नहीं है तो इंकार भी नहीं
Rahat Indori
Wasi Shah
Mohsin Naqvi
Jaun Eliya
Mir Taqi Mir
Parveen Shakir
Allama Iqbal
Ahmad Faraz
Anwar Masood
Habib Jalib
Faiz Ahmad Faiz
Gulzar
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वो ले के हौसला-ए-अज़्म-ए-बे-पनाह चले
सब देखने वाले उन्हें ग़श खाए हुए हैं
है देखने वालों को सँभलने का इशारा
तू अगर दिल में एक बार आए
चमन में कौन है पुरसान-ए-हाल शबनम का
भारत के वीर सिपाही
मेरे प्यारे वतन
दीवाली
इक रौशनी सी दिल में थी वो भी नहीं रही
मौत ही इंसान की दुश्मन नहीं
दर्द का हाल आह से पूछो
ख़ुश्क बातों में कहाँ है शैख़ कैफ़-ए-ज़िंदगी