रास्ता रोक लिया मेरा किसी बच्चे ने
इस में कोई तो 'असर' मेरी भलाई होगी
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उदास हो न तू ऐ दिल किसी के रोने से
हम हुए दश्त-ए-नवर्द फिर भी न देखा तुझ को
कितना मुश्किल है ख़ुद-बख़ुद रोना
है अजब सी कश्मकश दिल में 'असर'
ज़िंदगी तुझ से ये गिला है मुझे
उल्फ़त का है मज़ा कि 'असर' ग़म भी साथ हों
ज़िंदगी इक नई राह पर
फ़िक्र-ए-जहान दर्द-ए-मोहब्बत फ़िराक़-ए-यार
साया भी साथ छोड़ गया अब तो ऐ 'असर'
जाने क्यूँ लोग ग़म से डरते हैं
कोई हमदम बना के देखो तुम