एक आँच की कमी

सूरज आसमान से गिरा

और लेमूँ बन गया

चाँद आसमान से गिरा

और कपास का फूल बन गया

मैं तारीख़ के मीनार से गिरा

और वाक़िआ क्यूँ न बन सका

पानी दरियाओं से निकला

और जंगल बन गया

लफ़्ज़ किताब से निकला

और आलिम बन गया

मैं उस की निय्यत के अँधेरे से निकला

और आज़ादी क्यूँ न बन सका

हवा बादबान से गिरी

और मल्लाह का गीत बन गई

बोसा होंटों से गिरा

और मोहब्बत का परिंदा बन गया

दिन उक़ाब की चोंच से गिरा

और सूरज-मुखी का बाग़ क्यूँ न बन सका

तीर कमान से निकला

और बादशाह बन गया

शहज़ादा महल से निकला

और जोगी बन गया

ख़याल अपने मदार से निकला

और नज़्म क्यूँ न बन सका

ख़्वाहिश दिल से गिरी

और काला गुलाब बन गई

नुक्ता ध्यान से गिरा

और सूफ़ी बन गया

मैं ज़मीन पर गिरा

और बारिश का क़तरा क्यूँ न बन सका!

(1190) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Ek Aanch Ki Kami In Hindi By Famous Poet Asghar Nadeem Sayed. Ek Aanch Ki Kami is written by Asghar Nadeem Sayed. Complete Poem Ek Aanch Ki Kami in Hindi by Asghar Nadeem Sayed. Download free Ek Aanch Ki Kami Poem for Youth in PDF. Ek Aanch Ki Kami is a Poem on Inspiration for young students. Share Ek Aanch Ki Kami with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.