छुट्टी का दिन

अगर रात और सुब्ह में फ़र्क़ कोई नहीं है

हवा में परिंदों के टूटे हुए पर

बिखरने लगे हैं

ज़मीनों पे अहकाम के लम्बे चाबुक से

तारीख़-दाँ अपनी गर्दन झुकाए हुए हैं

नसीबों की आवाज़ में वक़्त ढलने लगा है

तो फिर!

नज़्म लिखने की ख़्वाहिश

गुनहगार इंसाफ़ के फ़ैसलों से ज़्यादा बरी तो नहीं है

अगर मौसमों की रगों में लहू जम गया है

शिकारी की आँखों में बारूद जलने लगा है

दिनों के तमव्वुज में

सूरज का चेहरा उतरने लगा है

तो फिर

साँस लेने की ख़्वाहिश

नक़ब-ज़न की धमकी से ज़्यादा बरी तो नहीं है

मुझे नज़्म लिखने दो

और साँस लेने दो

कुछ देर अपनी कमानों को नीचा करो

आज छुट्टी का दिन है

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ChhuTTi Ka Din In Hindi By Famous Poet Asghar Nadeem Sayed. ChhuTTi Ka Din is written by Asghar Nadeem Sayed. Complete Poem ChhuTTi Ka Din in Hindi by Asghar Nadeem Sayed. Download free ChhuTTi Ka Din Poem for Youth in PDF. ChhuTTi Ka Din is a Poem on Inspiration for young students. Share ChhuTTi Ka Din with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.