Sad Poetry of Azhar Inayati
नाम | अज़हर इनायती |
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अंग्रेज़ी नाम | Azhar Inayati |
जन्म की तारीख | 1946 |
कविताएं
Ghazal 41
Couplets 40
Love 32
Sad 20
Heart Broken 36
Bewafa 4
Hope 14
Friendship 5
Islamic 3
बारिश 1
ख्वाब 12
इस रास्ते में जब कोई साया न पाएगा
घर से किस तरह मैं निकलूँ कि ये मद्धम सा चराग़
वो मुझ से मेरा तआ'रुफ़ कराने आया था
वो मेरा यार था मुझ को न ये ख़याल आया
उजाला दश्त-ए-जुनूँ में बढ़ाना पड़ता है
उदास उदास तबीअ'त जो थी बहलने लगी
रंगतें मासूम चेहरों की बुझा दी जाएँगी
क़यामत आएगी माना ये हादिसा होगा
मैं समुंदर था मुझे चैन से रहने न दिया
कुछ आरज़ी उजाले बचाए हुए हैं लोग
ख़त उस के अपने हाथ का आता नहीं कोई
इस रास्ते में जब कोई साया न पाएगा
इस हादसे को देख के आँखों में दर्द है
घर का रस्ता जो भूल जाता हूँ
ग़मों से यूँ वो फ़रार इख़्तियार करता था
फ़िक्र में हैं हमें बुझाने की
फ़न उड़ानों का जब ईजाद किया था मैं ने
बनाए ज़ेहन परिंदों की ये क़तार मिरा
अपने आँचल में छुपा कर मिरे आँसू ले जा
अभी बिछड़ा है वो कुछ रोज़ तो याद आएगा