Khawab Poetry of Azm Bahzad

Khawab Poetry of Azm Bahzad
नामअज़्म बहज़ाद
अंग्रेज़ी नामAzm Bahzad
जन्म की तारीख1958
मौत की तिथि2011
जन्म स्थानKarachi

ऐ ख़्वाब-ए-पज़ीराई तू क्यूँ मिरी आँखों में

वुसअत-ए-चश्म को अंदोह-ए-बसारत लिक्खा

वुसअत-ए-चश्म को अंदोह-ए-बसारत लिख्खा

उस आँख से वहशत की तासीर उठा लाया

शाम आई तो कोई ख़ुश-बदनी याद आई

मुझे कल अचानक ख़याल आ गया आसमाँ खो न जाए

मैं ने कल ख़्वाब में आइंदा को चलते देखा

खुलता नहीं कि हम में ख़िज़ाँ-दीदा कौन है

दिल सोया हुआ था मुद्दत से ये कैसी बशारत जागी है

बहुत क़रीने की ज़िंदगी थी अजब क़यामत में आ बसा हूँ

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