रह-ए-हयात में लाखों थे हम-सफ़र 'एजाज़'
किसी को याद रखा और किसी को भूल गए
Allama Iqbal
Mir Taqi Mir
Jaun Eliya
Mohsin Naqvi
Anwar Masood
Faiz Ahmad Faiz
Javed Akhtar
Wasi Shah
Ahmad Faraz
Gulzar
Parveen Shakir
Rahat Indori
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सदाक़तों के पयम्बर गए रसूल गए
हुस्न की रीतें इश्क़ की रस्में छोटे बच्चे क्या जानें
पहचान
चाँद
नज़्मों के लिए दुआ-ए-ख़ैर
मेरी मौत के मसीहा!
आवागवन
यहाँ तो रोज़ नई आफ़तों से पाला है
मुहाजिर
चले थे घर से तो हम दर्द की दवा के लिए
फ़ासलों की बात