मेघ दूत

सनसनाहटों के साथ

गड़गड़ाहटो के साथ

आ गया!

पवन-रथ पे बैठ कर

मेरा मेघ देवता

दोश पर हवाओं के

बाल उड़ाता हुआ

उस का जामुनी बदन

आसमाँ पे छा गया

दूर तक गरज हुई

ज़मीं दहलने लगी

आसमाँ सिमट गया

बड़ी घन-गरज के साथ

टूट कर बरस पड़ा

और मैं आँख मूँद कर

हाथ पसारे हुए

दौड़ती चली गई

अंग से लगा रही

नील उस के अंग का

मैं कि बिंत-ए-जिज्र हूँ

मुझ में ऐसी प्यास है

मैं कि मेरे वास्ते

वस्ल भी फ़िराक़ है

मुझ में ऐसी आग है

मेघ-रस में भीग कर

हाँफती खड़ी खड़ी

कह रहा है दिल मेरा

यही है

मधुर मिलन की घड़ी

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Megh Dut In Hindi By Famous Poet Fahmida Riaz. Megh Dut is written by Fahmida Riaz. Complete Poem Megh Dut in Hindi by Fahmida Riaz. Download free Megh Dut Poem for Youth in PDF. Megh Dut is a Poem on Inspiration for young students. Share Megh Dut with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.