मिटा के तीरगी तनवीर चाहता है दिल

मिटा के तीरगी तनवीर चाहता है दिल

हर एक ख़्वाब की ता'बीर चाहता है दिल

जिसे सँभाल के रख ले ज़माना यादों में

वो अपनी ज़ात की तस्वीर चाहता है दिल

मैं अपने आप से जब जब सवाल करता हूँ

मिरे जवाब में तासीर चाहता है दिल

सुख़न पयाम हो दुनिया के वास्ते कोई

दिलों के वास्ते तक़रीर चाहता है दिल

न चाहता है कि तीर-ओ-कमाँ की बात करूँ

न अपने हाथ में शमशीर चाहता है दिल

तुम्हें से रौनक़ें क़ाएम हैं बज़्म-ए-हस्ती की

तुम्हारे प्यार की जागीर चाहता है दिल

वो जिस पे रश्क करे हर कोई ज़माने में

क़लम की शोख़ी-ए-तहरीर चाहता है दिल

(890) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

MiTa Ke Tirgi Tanwir Chahta Hai Dil In Hindi By Famous Poet Faiyyaz Rash. MiTa Ke Tirgi Tanwir Chahta Hai Dil is written by Faiyyaz Rash. Complete Poem MiTa Ke Tirgi Tanwir Chahta Hai Dil in Hindi by Faiyyaz Rash. Download free MiTa Ke Tirgi Tanwir Chahta Hai Dil Poem for Youth in PDF. MiTa Ke Tirgi Tanwir Chahta Hai Dil is a Poem on Inspiration for young students. Share MiTa Ke Tirgi Tanwir Chahta Hai Dil with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.