Love Poetry of Faiz Ahmad Faiz (page 5)
नाम | फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ |
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अंग्रेज़ी नाम | Faiz Ahmad Faiz |
जन्म की तारीख | 1911 |
मौत की तिथि | 1984 |
जन्म स्थान | Lahore |
आज की रात
आज इक हर्फ़ को फिर ढूँडता फिरता है ख़याल
आज बाज़ार में पा-ब-जौलाँ चलो
यूँ सजा चाँद कि झलका तिरे अंदाज़ का रंग
ये मौसम-ए-गुल गरचे तरब-ख़ेज़ बहुत है
ये जफ़ा-ए-ग़म का चारा वो नजात-ए-दिल का आलम
याद-ए-ग़ज़ाल-चश्माँ ज़िक्र-ए-समन-अज़ाराँ
याद का फिर कोई दरवाज़ा खुला आख़िर-ए-शब
वो बुतों ने डाले हैं वसवसे कि दिलों से ख़ौफ़-ए-ख़ुदा गया
वो अहद-ए-ग़म की काहिश-हा-ए-बे-हासिल को क्या समझे
वहीं हैं दिल के क़राइन तमाम कहते हैं
वफ़ा-ए-वादा नहीं वादा-ए-दिगर भी नहीं
तुझे पुकारा है बे-इरादा
तिरी उमीद तिरा इंतिज़ार जब से है
तेरी सूरत जो दिल-नशीं की है
तिरे ग़म को जाँ की तलाश थी तिरे जाँ-निसार चले गए
सितम सिखलाएगा रस्म-ए-वफ़ा ऐसे नहीं होता
सितम की रस्में बहुत थीं लेकिन न थी तिरी अंजुमन से पहले
शरह-ए-फ़िराक़ मदह-ए-लब-ए-मुश्कबू करें
शरह-ए-बेदर्दी-ए-हालात न होने पाई
शाम-ए-फ़िराक़ अब न पूछ आई और आ के टल गई
शाख़ पर ख़ून-ए-गुल रवाँ है वही
शैख़ साहब से रस्म-ओ-राह न की
शफ़क़ की राख में जल बुझ गया सितारा-ए-शाम
सहल यूँ राह-ए-ज़िंदगी की है
सभी कुछ है तेरा दिया हुआ सभी राहतें सभी कुल्फ़तें
सब क़त्ल हो के तेरे मुक़ाबिल से आए हैं
रंग पैराहन का ख़ुशबू ज़ुल्फ़ लहराने का नाम
रह-ए-ख़िज़ाँ में तलाश-ए-बहार करते रहे
राज़-ए-उल्फ़त छुपा के देख लिया