वो जिस का नाम पड़ा है ख़मोश लोगों में
यहाँ पे लफ़्ज़ों के दरिया बहा रहा था अभी
Rahat Indori
Gulzar
Allama Iqbal
Faiz Ahmad Faiz
Mir Taqi Mir
Wasi Shah
Habib Jalib
Parveen Shakir
Jaun Eliya
Anwar Masood
Javed Akhtar
Ahmad Faraz
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
(759) Peoples Rate This
रूठे लोगों को मनाने में मज़ा आता है
जो पलकों से गिर जाए आँसू का क़तरा
तुम मुझे छोड़ के इस तरह नहीं जा सकते
हमारे दिल की बजा दी है उस ने ईंट से ईंट
हवा ने छीन लिया आ के मेरे होंटों से
तुम्हारे लिए मुस्कुराती सहर है
बे-कैफ़ कट रही थी मुसलसल ये ज़िंदगी
उन निगाहों को हम-आवाज़ किया है मैं ने
उस की गली में ज़र्फ़ से बढ़ कर मिला मुझे
दिल ओ नज़र की बक़ा है फ़क़त मोहब्बत में