'लता'

तेरे मधुर गीतों के सहारे

बीते हैं दिन रेन हमारे

तेरी अगर आवाज़ न होती

बुझ जाती जीवन की जोती

तेरे सच्चे सुर हैं ऐसे

जैसे सूरज चाँद सितारे

तेरे मधुर गीतों के सहारे

बीते हैं दिन रेन हमारे

क्या क्या तू ने गीत हैं गाए

सुर जब लागे मन झुक जाए

तुझ को सुन कर जी उठते हैं

हम जैसे दुख-दर्द के मारे

तेरे मधुर गीतों के सहारे

बीते हैं दिन रेन हमारे

'मीरा' तुझ में आन बसी है

अंग वही है रंग वही है

जग में तेरे दास हैं इतने

जितने हैं आकाश पे तारे

तेरे मधुर गीतों के सहारे

बीते हैं दिन रेन हमारे

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Lata In Hindi By Famous Poet Habib Jalib. Lata is written by Habib Jalib. Complete Poem Lata in Hindi by Habib Jalib. Download free Lata Poem for Youth in PDF. Lata is a Poem on Inspiration for young students. Share Lata with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.