बड़ों ने उस को छीन लिया है बच्चों से
ख़बर नहीं अब क्या हो हाल खिलौने का
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दुनिया में कितने रंग नज़र आएँगे नए
क्या तर्जुमानी-ए-ग़म-ए-दुनिया करें कि जब
कल यही बच्चे समुंदर को मुक़ाबिल पाएँगे
हो तेरी याद का दिल में गुज़र आहिस्ता आहिस्ता
सफ़्फ़ाक सराब से ज़ियादा
न टूटे और कुछ दिन तुझ से रिश्ता इस तरह मेरा
दिल में तिरे ख़ुलूस समोया न जा सका
गुमनाम शहीद का कतबा
दूध जैसा झाग लहरें रेत और ये सीपियाँ
उसे शिकस्त न होने पे मान कितना था
बनाए जाता था मैं अपने हाथ को कश्कोल
वो शख़्स तो मुझे हैरान करता जाता था