Ghazals of Haseeb Soz
नाम | हसीब सोज़ |
---|---|
अंग्रेज़ी नाम | Haseeb Soz |
जन्म स्थान | Badayun |
कविताएं
Ghazal 14
Couplets 8
Love 7
Sad 8
Heart Broken 11
Bewafa 1
Hope 4
Friendship 2
Islamic 2
Social 2
ख्वाब 1
ज़रा सी चोट लगी थी कि चलना भूल गए
यहाँ मज़बूत से मज़बूत लोहा टूट जाता है
वो एक रात की गर्दिश में इतना हार गया
तिरी मदद का यहाँ तक हिसाब देना पड़ा
शौक़ से आप ये अंग्रेज़ी दवा भी लेते
नज़र न आए हम अहल-ए-नज़र के होते हुए
खुला ये राज़ कि ये ज़िंदगी भी होती है
ख़ुद को इतना जो हवा-दार समझ रक्खा है
हमारे ख़्वाब सब ताबीर से बाहर निकल आए
हमारे दोस्तों में कोई दुश्मन हो भी सकता है
दर्द आसानी से कब पहलू बदल कर निकला
बड़े हिसाब से इज़्ज़त बचानी पड़ती है
अमीर-ए-शहर से मिल कर सज़ाएँ मिलती हैं
अब उसे छोड़ के जाना भी नहीं चाहते हम