अजब सौदा-ए-वहशत है दिल-ए-ख़ुद-सर में रहता है
अब्बास ताबिश
नसरी नज़्म
आसी रिज़वी
उसी के जल्वे थे लेकिन विसाल-ए-यार न था
आसी ग़ाज़ीपुरी
गया था माँगने ख़ुशबू मैं फूल से लेकिन
आनिस मुईन
नवा-ए-शौक़ में शोरिश भी है क़रार भी है
आल-ए-अहमद सूरूर
लिबास
आदिल रज़ा मंसूरी