Heart Broken Poetry of Iqbal Sajid (page 2)

Heart Broken Poetry of Iqbal Sajid (page 2)
नामइक़बाल साजिद
अंग्रेज़ी नामIqbal Sajid
जन्म की तारीख1932
मौत की तिथि1988
जन्म स्थानLahore

कटते ही संग-ए-लफ़्ज़ गिरानी निकल पड़े

कल शब दिल-ए-आवारा को सीने से निकाला

जाने क्यूँ घर में मिरे दश्त-ओ-बयाबाँ छोड़ कर

हर घड़ी का साथ दुख देता है जान-ए-मन मुझे

गड़े मर्दों ने अक्सर ज़िंदा लोगों की क़यादत की

इक तबीअत थी सो वो भी ला-उबाली हो गई

इक रिदा-ए-सब्ज़ की ख़्वाहिश बहुत महँगी पड़ी

दुनिया ने ज़र के वास्ते क्या कुछ नहीं किया

दहर के अंधे कुएँ में कस के आवाज़ा लगा

बे-ख़बर दुनिया को रहने दो ख़बर करते हो क्यूँ

अजब सदा ये नुमाइश में कल सुनाई दी

इक़बाल साजिद Heart Broken Poetry in Hindi - Read famous Heart Broken Shayari, Romantic Ghazals & Sad Poetry written by इक़बाल साजिद. Largest collection of Heart Broken Poems, Sad Ghazals including Two Line Sher and SMS by इक़बाल साजिद. Share the इक़बाल साजिद Heart Broken Potery, Romantic Hindi Ghazals and Sufi Shayari with your friends on whats app, facebook and twitter.