वो दिन तेरी याद का दिन था
उस दिन मैं भूल गया
साँसें लेना
लम्हे ढोना
बातें करना
खिल-खिल हँसना
छुप कर रोना
लिखना पढ़ना
जागना सोना
जीना मरना
कुछ भी करना!
Rahat Indori
Ahmad Faraz
Faiz Ahmad Faiz
Jaun Eliya
Habib Jalib
Allama Iqbal
Mohsin Naqvi
Javed Akhtar
Mir Taqi Mir
Parveen Shakir
Anwar Masood
Wasi Shah
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
(394) Peoples Rate This
मुझे इक ख़्वाब लिखना है
अभी वो आँख भी सोई नहीं है
हवा गुम-सुम खड़ी है रास्ते में
अजनबी किस ख़्वाब की दुनिया से आए हो
ख़मोशी झाँकती है खिड़कियों से
दर्द के पीले गुलाबों की थकन बाक़ी रही
शब की पहनाइयों में चीख़ उठे
तारीख़ टस्वे बहाएगी
अपने क़ातिल के लिए एक नज़्म
मर्ग-पेच
फ़लसफ़े सारे किताबों में उलझ कर रह गए