जो कुछ नुमायाँ हुआ अल-अमाँ मआज़-अल्लाह

जो कुछ नुमायाँ हुआ अल-अमाँ मआज़-अल्लाह

तलत्तुफ़-ओ-करम-ए-दोस्ताँ मआज़-अल्लाह

कहेगी वो निगह-ए-एतिमाद-ए-आगीं क्या

खुलेंगी जब मिरी अय्यारियाँ मआज़-अल्लाह

वो राह-ए-इश्क़ में दिल की मआल-अंदेशी

वो मेरी अक़्ल की नादानियाँ मआ'ज़-अल्लाह

फिर उन के लुत्फ़ का मौसम पलट के आएगा

तख़य्युलात की गुल-कारियाँ मआज़-अल्लाह

ये मय-कदा तो नहीं ये तो सेहन-ए-मस्जिद है

ये आ गया मैं कहाँ से कहाँ मआ'ज़-अल्लाह

कभी था दार-ए-वफ़ा कू-ए-इश्क़ और अब है

क़िमार-ख़ाना-ए-सूद-ओ-ज़ियाँ मआज़-अल्लाह

'नज़ीर' क़िस्सा-ए-ज़ख़्म-ए-निहाँ कहूँ किस से

ये दास्ताँ है बहुत ख़ूँ-चकाँ मआज़-अल्लाह

(363) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

In Hindi By Famous Poet Nazeer Muzaffarpuri. is written by Nazeer Muzaffarpuri. Complete Poem in Hindi by Nazeer Muzaffarpuri. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.