दिल की इमारत झूटे जज़्बों पर ता'मीर नहीं करना

दिल की इमारत झूटे जज़्बों पर ता'मीर नहीं करना

ख़्वाब अधूरा देखो तो कोई ताबीर नहीं करना

फूल खिलें तो हवा में ख़ुशबू हो ही जाती है तहलील

दिल की बातें समझो पर उन की तफ़्सीर नहीं करना

माँ कहती है घुटती जलती रहना पी लेना आँसू

शेरों में भी बेटी अपना ग़म तहरीर नहीं करना

ना साहब हम से मत माँगो अहद-ए-वफ़ा इन बातों पर

जब्र-ओ-सितम सहना लेकिन कोई तदबीर नहीं करना

जब्र के अँधियारों में रहना ज़ुल्म का सहना है तक़्सीर

देखो मेरी जान 'अयाँ' तुम ये तक़्सीर नहीं करना

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In Hindi By Famous Poet Rasheed Ayan. is written by Rasheed Ayan. Complete Poem in Hindi by Rasheed Ayan. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.