सलीम शाहिद कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का सलीम शाहिद (page 2)
नाम | सलीम शाहिद |
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अंग्रेज़ी नाम | Saleem Shahid |
है आरज़ू कि अपना सरापा दिखाई दे
घर के दरवाज़े खुले हों चोर का खटका न हो
फ़र्श-ए-ज़मीं पे बर्ग-ए-ख़िज़ानी का रंग है
दिल भर आए और अब्र-ए-दीदा में पानी न हो
दर्द की ख़ुश्बू से सारा घर मोअ'त्तर हो गया
बुझ गए शो'ले धुआँ आँखों को पानी दे गया
बे-वज़्अ शब-ओ-रोज़ की तस्वीर दिखा कर
अब्र सरका चाँद की चेहरा-नुमाई हो गई
अब शहर की और दश्त की है एक कहानी