भोंकना चाहता हूँ
अपने अंदर के कुत्ते पे मैं
ज़ोर से भोंकना चाहता हूँ
मगर ये भी मुमकिन नहीं
भोंक पाना तो दूर
गले से मिरे अब तो दो घूँट पानी उतरना भी मुमकिन नहीं
इस को कहते हैं कुत्ते की मौत
आब-ए-ज़म-ज़म
गुलोकोज़ की बोतलों से चढ़ाते हुए
नब्ज़ भी हँस रही है