Ghazals of Yaqoob Aamir
नाम | याक़ूब आमिर |
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अंग्रेज़ी नाम | Yaqoob Aamir |
नज़रों में कहाँ उस की वो पहला सा रहा मैं
न पूछो ज़ीस्त-फ़साना तमाम होने तक
क्या हुआ हम से जो दुनिया बद-गुमाँ होने लगी
इक ख़ला सा है जिधर देखो इधर कुछ भी नहीं
चंद घंटे शोर ओ ग़ुल की ज़िंदगी चारों तरफ़
अगरचे हाल ओ हवादिस की हुक्मरानी है
आतिश-ए-ग़म में भभूका दीदा-ए-नमनाक था